इस साल राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में क्षेत्रीय सिनेमा का जलवा

इस साल राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में क्षेत्रीय सिनेमा का जलवा

Jun 2, 2025 - 12:16
Jun 2, 2025 - 15:55
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इस साल राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में क्षेत्रीय सिनेमा का जलवा

इस वर्ष के 70वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में क्षेत्रीय फिल्मों का दबदबा देखने को मिला। वर्ष 2022 की बेहतरीन भारतीय सिनेमा को सम्मानित करने के लिए हाल ही में इन पुरस्कारों की घोषणा की गई। कन्नड़ फिल्म कांतारा में अपने दमदार अभिनय के लिए फिल्म स्टार ऋषभ शेट्टी को सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार मिला। यही नहीं, कांतारा को 'सर्वश्रेष्ठ लोकप्रिय फिल्म (पारिवारिक मनोरंजन प्रदान करने वाली)' का खिताब भी प्रदान किया गया।

"माफ़ी नहीं तो मूवी नहीं!" कमल हासन पर कर्नाटक में बैन का बवाल

साउथ सुपरस्टार कमल हासन की ज़ुबान एक बार फिर विवादों के घेरे में आ गई है। अपनी नई फिल्म थग लाइफ़ के प्रमोशन के दौरान उन्होंने एक बयान दिया "कन्नड़ भाषा की जननी तमिल है।"
बस फिर क्या था! सोशल मीडिया पर हड़कंप मच गया और अब कर्नाटक के संस्कृति मंत्री शिवराज तंगडगी ने दो टूक कह दिया
👉 "जब तक माफ़ी नहीं, तब तक कर्नाटक में फिल्म नहीं!"

फिल्म को मिली नो एंट्रीकी चेतावनी

कर्नाटक फिल्म चेंबर ऑफ कॉमर्स (KFCC) ने भी इस विवाद में मोर्चा खोल दिया है। KFCC अध्यक्ष एम. नरसिंहालु ने साफ़ कह दिया कि राज्य के थियेटर मालिक और फिल्म वितरक कमल हासन की फिल्म थग लाइफ़ को रिलीज़ नहीं करेंगे, जब तक वो सार्वजनिक रूप से माफ़ी नहीं मांगते

मंत्री ने दी दो दिन की डेडलाइन

मंत्री शिवराज तंगडगी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा:

मैंने चेंबर को पत्र लिखा और उन्होंने सही कदम उठाया। अगर दो दिन में माफ़ी नहीं मांगते, तो फिल्म पर रोक लगेगी। ये कन्नड़ अस्मिता का सवाल है।

उन्होंने कन्नड़ सुपरस्टार शिवराजकुमार से भी अपील की कि वे कमल हासन से इस मुद्दे पर सीधे बात करें और समझाएं कि कन्नड़ भावनाओं से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं होगा।

कमल हासन का जवाब: गलत नहीं हूं, तो माफ़ी क्यों मांगूं?”

दूसरी तरफ कमल हासन अपने बयान पर अडिग हैं। उन्होंने साफ कहा:

अगर मुझे लगेगा कि मैंने कुछ गलत कहा है, तभी माफ़ी मांगूंगा। मुझे कानून और न्याय पर पूरा भरोसा है।

न बैन का आदेश, न केसbut रिलीज़ पर ब्रेक!

KFCC ने साफ किया कि यह कोई सरकारी प्रतिबंध नहीं है, बल्कि थियेटर मालिकों और वितरकों का सामूहिक निर्णय है। वे किसी राजनीतिक दबाव में नहीं, बल्कि कन्नड़ स्वाभिमान के तहत यह कदम उठा रहे हैं।

निष्कर्ष: बयान से बढ़ा बवाल, अब 'थग लाइफ़' खुद फंस गई है लाइफ़ में!

अब देखना यह है कि क्या कमल हासन झुकते हैं या कर्नाटक के दर्शक इस फिल्म से वंचित रह जाएंगे। विवाद गहराता जा रहा है, और थग लाइफ़ की रील लाइफ़ अब रियल लाइफ़ के ड्रामे में तब्दील हो गई है।

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